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- माँ बगलामुखी माता मंदिर, Nalkheda, Madhya Pradesh
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सुरक्षा और समृद्धि के लिए मंत्र: "ॐ बगलामुखि सर्वदुष्टानां वशीकुरुं वशीकुरुं" – यह बगलामुखी माता का एक पवित्र मंत्र है, जो शत्रुओं को परास्त करने और सफलता प्राप्त करने में सहायक है।
मंदिर का इतिहास
भारत में माँ बगलामुखी नामक एक मंदिर है जहाँ लोग भगवती माँ बगलामुखी नामक एक शक्तिशाली देवी की पूजा करते हैं। वह लोगों को उनकी समस्याओं पर विजय पाने और उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए जानी जाती हैं। मंदिर एक नदी के किनारे स्थित है और माना जाता है कि इसमें आध्यात्मिक साधना के लिए विशेष शक्तियाँ हैं। देवी को अक्सर एक हथियार धारण करने और शत्रुओं जैसे रोगों और ऋणों को पराजित करने के रूप में चित्रित किया जाता है। मंदिर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो तंत्र का अभ्यास करते हैं, एक प्रकार का आध्यात्मिक अनुष्ठान।
इस मंदिर में त्रिशक्ति मां विराजित हैं—मध्य में मां बगलामुखी, दाएं मां लक्ष्मी और बाएं मां सरस्वती। यह भारतवर्ष का एकमात्र त्रिशक्ति मंदिर है। यहां बेलपत्र, चंपा, सफेद आंकड़े, आंवले, नीम, और पीपल जैसे पवित्र वृक्ष साथ-साथ स्थित हैं। द्वापर युग के इस मंदिर में साधु-संत और तांत्रिक तंत्र साधना और अनुष्ठान के लिए आते हैं।
इस मंदिर की विशेषता यह भी है कि इसके चारों तरफ श्मशान और पास में ही नदी के कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है। पश्चिम में ग्राम गुदरावन, पूर्व में कब्रिस्तान, और दक्षिण में कच्चा श्मशान स्थित है। मां बगलामुखी तंत्र की देवी मानी जाती हैं, और यहां तांत्रिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व है। इस मंदिर की मूर्ति स्वयंभू और जागृत है।
मां बगलामुखी का स्वरूप अद्भुत है। इनमें भगवान अर्धनारीश्वर महाशंभु के अलौकिक रूप का दर्शन मिलता है। भाल पर तीसरा नेत्र, मणिजड़ित मुकुट, और चंद्र इस बात की पुष्टि करते हैं। मां को महारुद्र (मृत्युंजय शिव) की मूल शक्ति के रूप में माना जाता है। वे रौद्र रूपिणी, स्तंभिनी, क्षोभिनी, मोहिनी, संहारिनी, और सिद्ध रूपिणी के रूप में पूजित होती हैं।
मां बगलामुखी के दरबार में कई हस्तियां जैसे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उमा भारती, गिरिराज प्रसाद, अमर सिंह, जयाप्रदा, और राजमाता विजयराजे सिंधिया ने माथा टेका है। यहां साधना और पूजा से भक्तों को जीवन की बाधाओं से मुक्ति और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
माँ बगलामुखी उपासक
आचार्य पंडित महेश शर्मा एक प्रसिद्ध और विद्वान ज्योतिषाचार्य हैं, अनेक श्रद्धालुओं को जीवन की कठिनाइयों से बाहर निकलने में मदद की है। उनकी सरलता, निष्ठा और भक्तिभाव से प्रेरित होकर, लोग उन्हें मार्गदर्शक और आध्यात्मिक संरक्षक के रूप में मानते हैं। आचार्य जी का जीवन माँ बगलामुखी की आराधना और मानव सेवा को समर्पित है।
हमारे मंदिर में पधारें
माँ बगलामुखी, जिन्हें ज्ञान की देवी माना जाता है, को विघ्नों को दूर करने और सफलता देने के लिए पूजा जाता है। हमारे मंदिर में आकर आप उनके दिव्य आशीर्वाद का अनुभव कर सकते हैं।
अपना विश्वास मजबूत करें
माँ बगलामुखी की पूजा से आत्मिक शक्ति में वृद्धि होती है। माना जाता है कि यह भक्तों को शत्रुओं, चुनौतियों और जीवन की कठिनाइयों से सुरक्षा प्रदान करती है।
विघ्नों को दूर करें
माँ बगलामुखी विघ्नों को दूर करने के लिए प्रसिद्ध हैं। नियमित पूजा और प्रार्थनाएं उन्हें किसी भी प्रकार की विघ्न-बाधाओं को दूर करने में मदद करती हैं, जिससे समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
विजय प्राप्त करें
माँ बगलामुखी के आशीर्वाद से शत्रुओं, कानूनी समस्याओं और व्यक्तिगत संघर्षों पर विजय प्राप्त होती है। उनका दिव्य हस्तक्षेप सभी प्रयासों में सफलता सुनिश्चित करता है।
गैलरी
बगला मुखी तन्त्र स्थल
बालामुखी देवी की उपासना शत्रु-विनाश, मारण, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण आदि के लिए की जाती है। बालामुखी की यह पुस्तक साधकों की मनोकामना सिद्धि के लिये है। पीताम्बरा देवी भी इन्हे कहते हैं। इनकी गणना दस महाविद्याओं में होती है। भगवती बालामुखी का अनुसरण शत्रुओं की शक्ति को कुंठित करने में अत्यन्त असर है। इससे व्यक्ति की बुद्धि का स्तम्भ होना तथा न्यायालय में चल रहे मुकदमे में विजय होती है। इसके द्वारा मारण, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण आदि असंभव कार्य सिद्ध होते हैं। बालाजी स्तोत्र-कवच का पाठ करने से पुरुषार्थ और किसी भी प्रकार की ग्रह-पीड़ा, शत्रु-पीड़ा आदि से मुक्ति मिलती है। इसके वशीकरण आदि करते सभी प्रकार के साधकों को जाना चाहिये—जैसे (१) स्तम्भन, (२) आकर्षण, (३) वशीकरण, (४) विद्वेषण, (५) उच्चाटन, (६) मारण, (७) मोहन, (८) मुकदमे में विजय आदि।
बालामुखी मंत्र के ३६ अक्षर होते हैं। इन्हें मंत्र संजीवन प्रिय है। अतः ३६००० मंत्र का जप फलदायक माना जाता है। इसके द्वारा अनेक प्रकार की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। जो व्यक्ति इस विधि से सम्पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ जप करते हैं, उन्हें जीवन में किसी प्रकार की शारीरिक बाधा नहीं होती और मनुष्य सफल रहता है। इसके लिये आवश्यक होता है- पीला धोती, पीला वस्त्र, हल्दी का जल, पीला पुष्प, पीला धूप, पीला नैवेद्य और दक्षिणा आदि। इनकी उपासना का स्थान पीले वस्त्रों में युक्त किसी स्थान में ही होना चाहिये।
बगलामुखी तांत्रिक साधना