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वास्तु दोष और निवारण के उपाय

धार्मिक उपाय और वास्तु शांति

वास्तु दोष का घर के वातावरण और सदस्यों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह धन हानि, स्वास्थ्य समस्याएं, मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह और नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर या इमारत के निर्माण में पांच प्रमुख तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) और आठ दिशाओं के बीच सामंजस्य होना आवश्यक है। यदि इनका संतुलन बिगड़ता है, तो वास्तु दोष उत्पन्न होता है।

वास्तु दोष को कम करने का सबसे पहला कदम है घर को साफ़ और व्यवस्थित रखना। घर में अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है। सामान को सही जगह पर रखने और नियमित सफाई करने से घर का माहौल सकारात्मक बना रहता है।

वास्तु दोष को दूर करने के लिए धातु के पिरामिड और फेंगशुई यंत्रों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये यंत्र घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं। साथ ही, घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने वाले पौधों को लगाना भी लाभदायक होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई को आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में रखना चाहिए। यदि रसोई गलत दिशा में बनी हो, तो उस जगह पर बल्ब लगाकर रोज़ जलाएं। घर का मंदिर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में होना चाहिए। इससे घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है।

वास्तु दोष को शांत करने के लिए नियमित ध्यान, मंत्रोच्चार और सकारात्मक संगीत का सहारा लें। घर में वास्तु शांति का पाठ कराना भी प्रभावी उपाय है। चांदी की वास्तु बनाकर उसे ईशान कोण या भंडार कोण में रखना शुभ माना जाता है। इन उपायों को अपनाकर घर में वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है और घर का वातावरण सुखद और सकारात्मक बनाया जा सकता है।

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