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- माँ बगलामुखी माता मंदिर, Nalkheda, Madhya Pradesh
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बगलामुखी तंत्र: मंत्र, अर्थ, और महत्व
बगलामुखी, जिन्हें बगला के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में दस महाविद्याओं में से एक के रूप में प्रतिष्ठित हैं। बगलामुखी की पूजा करने से भक्तों के जीवन में स्पष्टता और समझ आती है। यह देवी भ्रम और गलतफहमियों को दूर करती हैं और अपने उपासकों को एक स्पष्ट नजरिया प्रदान करती हैं। बगलामुखी देवी अपने भक्तों की समस्याओं को दूर करने और उनकी रक्षा करने के लिए गदा धारण करती हैं।
महाविद्या देवी पार्वती के दस आदि पराशक्ति रूपों में से एक हैं। बगलामुखी, जिन्हें "दुश्मनों को शक्तिहीन करने वाली देवी" के रूप में जाना जाता है, इन महाविद्याओं में आठवें स्थान पर हैं। इस देवी की पूजा से शत्रुओं को निस्तब्ध और स्थिर किया जा सकता है। उनकी शक्ति उन्हें अपने उपासकों के लिए बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने में समर्थ बनाती है।
बगलामुखी देवी का संबंध पीले रंग से होने के कारण इन्हें "पीतांबरी" भी कहा जाता है। इनका एक और नाम "स्तम्भिनी देवी" है, जिसका अर्थ है "शत्रुओं को स्थिर करने वाली देवी"। बगलामुखी देवी को "ब्रह्मास्त्र रूपिनी" भी कहा जाता है क्योंकि वे शत्रुओं पर गदा का प्रहार कर उनकी शक्ति को नष्ट करती हैं।
देवी बगलामुखी को ब्रह्मांड की मां के सबसे शक्तिशाली रूपों में से एक माना जाता है। उनकी असीमित क्षमताएं उन्हें सद्गुणों की संरक्षक और बुराई का नाश करने वाली देवी के रूप में स्थापित करती हैं। बगलामुखी तंत्र का अभ्यास उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो अपने जीवन से नकारात्मकता और शत्रुओं के प्रभाव को समाप्त करना चाहते हैं।
इनकी पूजा से उपासकों को साहस, आत्मविश्वास और सुरक्षा का अनुभव होता है। बगलामुखी देवी की आराधना जीवन के हर क्षेत्र में बाधाओं को दूर करने और विजय प्राप्त करने में सहायक मानी जाती है।
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