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पितृ दोष निवारण:
पितृ दोष एक ज्योतिषीय दोष है, जो किसी व्यक्ति की कुंडली में पूर्वजों के कृत्यों के कारण उत्पन्न होता है। यह दोष तब होता है जब किसी व्यक्ति के पूर्वजों द्वारा किए गए गलत कार्यों या अधूरा पिंड दान के कारण व्यक्ति की जीवन यात्रा में बाधाएं आती हैं। पितृ दोष के प्रभाव से व्यक्ति को परिवार में कलह, आर्थिक समस्याएं, स्वास्थ्य समस्याएं, और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। इस दोष को दूर करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं, ताकि जीवन में शांति और समृद्धि वापस आ सके।
पितृ दोष को दूर करने के लिए सबसे प्रभावी उपाय पिंड दान है, जो कि विशेष रूप से श्राद्ध पक्ष में किया जाता है। यह एक धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें व्यक्ति अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है और उनके लिए पिंड दान करता है। पिंड दान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष का प्रभाव कम होता है। इसके अलावा, तर्पण करना भी एक महत्वपूर्ण उपाय है, जिसमें जल अर्पित करके पूर्वजों को तृप्त किया जाता है। यह उपाय पितृ दोष को समाप्त करने में मदद करता है और जीवन में सुख-शांति स्थापित होती है।
पितृ दोष निवारण के उपायों से व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आते हैं। सबसे बड़ा लाभ यह है कि व्यक्ति के जीवन से पारिवारिक कलह और विवाद समाप्त हो जाते हैं, जिससे परिवार में शांति और समृद्धि लौट आती है। इसके अलावा, व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं का समाधान मिल सकता है और उसके स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। पितृ दोष निवारण से मानसिक शांति मिलती है, और व्यक्ति अपने जीवन में खुशहाल और समृद्ध महसूस करता है। साथ ही, यह उपाय व्यक्ति के समृद्धि के मार्ग को खोलते हैं और जीवन में नए अवसरों की प्राप्ति होती है।
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